Responsibility और perfection की वजह से ही मैने अपनी काबीलियत और औकात से कहीं ज्यादा नाम, पैसा और ज्ञान हासिल किया और इसी की वजह से समय से पहले अवकाश प्राप्त भी हुआ। आसान रास्ता नही है, लेकिन मैने यही चुना और कई वर्षो का data aur review ये साबित करता है की projects में chances of sucess इस रास्ते का लगभग 80% है। इस रास्ते का negative सिर्फ एक ही है: Early Burnout…. आदमी थोड़ा थक जाता है। थकावट कुछ उम्र तक महसूस ही नही होती क्योंकि पैसा बहुत तेजी से आता है और social status काफी तेजी से बढ़ता है।
रास्ता कोई भी सही या गलत नहीं होता व्यापार या Business में। लेकिन चुनने वाले को रास्तों के बारे में मालूम होना चाहिए और अपने चुने रास्ते की जानकारी होनी चाहिए। मेरा मानना का अधिकतर लोगों को पता ही नही होता वो किस रास्ते पे चल रहे हैं और किसपर चलना चाहते हैं।
*C 254 या Rajouri Apartment जिस स्थिति में आज है, कॉन्ट्रैक्टर की credibility वहीं से बनती या बिगड़ती है। इन दोनो ही प्रोजेक्ट में owner या उसका representative सब देख रहा होता है।
**ठीक इसके विपरित वो प्रोजेक्ट होते हैं जहां कांट्रेक्टर को कोई देखने वाला नही (उधारण के लिए बिल्डर का काम जो सिर्फ बिल्डर ही खुद देखता है, या फिर ऐसा ठेका जहां कोई भी जानकर देखने वाला न हो) या
***फिर देखने वाला आंख बंद किए होता है जैसे की सरकारी प्रोजेक्ट्स या फिर वो प्रोजेक्ट्स जहां काम ही नही होता सिर्फ बिल बनते हैं।
PROJECT PROCURE करने के बाद पैसा (profit) हर तरह के प्रोजेक्ट से कमाया जा सकता है और वो सिर्फ़ दो बातों पर ही निर्भर करना है:
1) Ability and Reputation to Procure Profitable Projects.
2) Financial Descipline
इनमे से पहला सबसे मुश्किल और लगभग असम्भव होता है शुरुआत के दिनों में। 95% Contractor सिर्फ इसका 20% ही हासिल कर पाते है और पूरी जिंदगी (70 -75 साल) काम करके रिटायरमेंट के बाद उतना ही capital खड़ा कर पाते हैं हो एक बैंक का सीनियर ऑफिसर 60-65 साल में रिटायर करके खड़ा करता है। ये आश्चर्यजनक है किंतु सत्य है।
जैसा मैने कहा की प्रॉफिट किसी भी तरह के प्रोजेक्ट ( ऊपर * मार्क देखो) से कमाया जा सकता है लेकिन उन प्रोजेक्ट को PROCURE करने की ability aur experience सिर्फ राजौरी और C 254 की तरह के प्रोजेक्ट से ही सीखी जा सकती है।अक्सर कांट्रेक्टर आसान रस्ता खोजता है और वहीं उससे पहली बड़ी गलती हो जाती है। बिल्डर बिल्डिंग बना के कुछ सीख नही पाता, financial descipline न होने के कारण पैसा तो कमाता है लेकिन खर्चों पर और profitability पर उसका कोई कंट्रोल नही होता। दूसरे ठेकेदार आसान सा काम करके Client Satisfaction क्या होता है ताउम्र सीख ही नही पाते और लड़ते जूझते चलते रहते है, project procuring ability उनमें develop ही नही होती। अच्छा पैसा आता है कहीं से तो अच्छा पैसा फंस भी जाता है कहीं पर। बाकी कुछ भाग्यशाली ठेकेदार चलते रहते है, कमाते रहते है जिंदगी भर, ये वो लोग होते है हो आगे बढ़ना चाहते ही नहीं। जहां हैं वहां खुश हैं। अपने भाग्य से संतुष्ट।
तुम्हे भी,अब समय सही है, चुन लेना चाहिए अपना रस्ता। अगर तुम्हे मुझसे कुछ पूछना हो या कोई ट्रेनिंग लेनी हो तो मुझे तुम्हारा विकल्प पता होना चाहिए। जैसा मैने कहा सही और गलत कोई भी रास्ता नहीं लेकिन चुनाव पता हो तो ज्ञान, ट्रेनिंग उसी के अनुकूल होनी चाहिए।